| غذوتك مولـوداً وقد كنت يافعاً |
|
تعـل بما أحني عليك وتنهل |
| إذا ليلة ضافتك بالسقم لـم أبت |
|
لسقمـك إلا ساهراً أتملـمل |
| كأني أنا المطروق دونك بالذي |
|
طرقت به دوني فعيني تهمل |
| تخاف الردى نفسي عليك وانها |
|
لتعلم ان الموت وقت مؤجل |
| فلمـا بلغت السـن والغاية التي |
|
اليها مدى مافيك كنت أؤمل |
| جعلت جزائي غلظة وفـظاظة |
|
كأنك أنت المنـعم امتفضل |
| فليتك إذلم تـرع حـق أبـشوتي |
|
فعلت كما الجار المجاور يفعل |